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सरसों

मानसश्री गोपाल राजू
ताांत्रिक प्रयोगों में अनेकों पदार्थ से मारण, मोहन, उच्चाटन तर्ा विद्िेषण आदद के अनेकों प्रयोग करे जाते हैं। यह अच्छे अर्िा बुरे दोनों ही भािनाओां को लेकर हो सकते हैं। अनर्थ करने िाले प्रयोगों से सदैि अपने को बचाकर रखना ही बौविकता है। क्योंकक अनर्थ करने िाला कभी न कभी फल अिश्य भोगता है अपने ककये दुष्क्रमथ का। पीली सरसों का तांि में प्रायः प्रयोग ककया जाता है। कुछ सरल से उपाय पीली सरसों के दे रहा हूूँ। अपने बुवि और वििेक से सत्क्रमों में इनका सदुप्रयोग करें ।
1. पीली सरसों से 'ऊूँ ऐां ह्ीां क्लीां चामुण्डायै विच्चे' मांि जपकर हिन करने से पररिार के सब दोष शाांत होते हैं।
2. राहु के नक्षि में पीली सरसों अपने ऊपर से सात बार िारकर बहते हुए पानी में प्रिाह कर दें, राहु जननत दोषों का अन्त होगा।
3. सरसों के कुछ दाने प्रेतबाधा से पीड़ित व्यक्क्त के ऊपर से िारकर जला दें, दुष्क्प्रभाि शाांत होगा।
4. नमक के सार् सरसों ममलाकर हिन करें। सम्बक्न्धत व्यक्क्त का नाम बोलते जाएूँ, सात ददन में िह िशीभूत होगा।
5. सरसों यदद आक के दूध में ममलाकर हिन करते हैं तो शासन से लाभ ममलेगा।
6. मधु, नागरमोर्ा, गोघृत, चन्दन, गूगुल, अगर, मशलाजीत, सलई की धूप तर्ा गुि के सार् सरसों ममलाकर हिन करें, घर की समस्त बाधाएूँ शाांत होंगी और प्रसन्नता का िातािरण बनेगा।
7. छोटे-छोटे तीन बतथनों में नतल, साबुत धननया और साबुत नमक अलग-अलग भरकर अपने प्रनतष्क्ठान, कमथस्र्ल, दुकान आदद में रख लें, कायथ, व्यापार में िृवि होने लगेगी।
8. ननत्क्य पीली सरसों में भूत केशी, काले नतल, लौंग तर्ा गोघृत ममलाकर 51 आहुनत 'ऊूँ ह्ीां बटुक भैरिाय आपदुिारणाय कुरु कुरु स्िाहाां' मांि जपकर अक्नन में आहुनत दें, रोग, शोक तर्ा शिु का नाश होगा।
9. एक माला 'लां ह्ाां लाां ह्ीां लीां लः 'अमुकां' ठः ठः मांि जप करें। इसी मांि का दशाांश हिन पीली सरसों सदहत व्यक्क्त का नाम बोलकर होम करें। अांत में हिन की राख व्यक्क्त के घर में नछिक दें, व्यक्क्त आपके अनुकूल हो जाएगा।
10. सरसों के तेल का दीपक जलाकर बैठ जाएूँ और 'ऊूँ हौं जूां सः' मांि की एक माला जप करें। यह ननयम चालीस ददन तक दोहराते रहें, यदद रोगों में ककसी भी दिा का प्रभाि नहीां हो रहा है तो उसे उन्हीां दिाओां से लाभ होने लगेगा।
11. सरसों के नतल में ममश्री और चािल डाल दें और 'ऊूँ सिथमोदहन्यै' मांि का जप करें तो दूसरों को िश में करने की असीम शक्क्त प्राप्त होने लगेगी।
12. शिु भय से पीड़ित हैं तो पीली सरसों और तेल के दीपक में हल्दी डालकर ननत्क्य उसके सामने बैठकर 'ऊूँ
बगलायै नमः' का जप ककया करें।
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