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26 जनपद

किसी भी आतंिी हमले से सुरक्षित है २६ जनवरी
(गोपाल राजू मानते हैं नहीं होगा िोई आतंिी धमािा)
आने वाली २६ जनवरी िो किसी भी आतंिी हमले अथवा धमािे िी संभावना नहीं है । ऐसा दावा किया है रूड़िी िे पूवव वैज्ञाननि और प्रससद्ध गुह्य ववद्या ममवज्ञ गोपाल राजू ने । आतंिी हमलों में एि ववशेष बात देखी गयी कि िुछ अंिों ववशेष िी पुनरावृत्तत उनमें बार बार हुई है । ७० प्रनतशत से भी अधधि आतंिी धमािों में पाया गया कि जनमांि अथवा भागयांि २, ७ अथवा ९ अंि सवावधधि खूनी अंि ससद्ध हुए हैं, जबकि अंि १ वहां सबसे सुरक्षित रहा है । दूसरे धमािों िे समय िी यदद ग्रह-नित्र त्थथनत देखें तो उस िाल में प्रनतननधध ग्रह किसी न किसी रूप से अत्गन ततव से जुड़े होते थे ।
ये बात उनहोंने दस-पांच नहीं बत्कि ववश्वभर में हुए सैिड़ों छोटे-बड़े धमािों और आतंिी हमलों िी अंि और ज्योनतष शाथत्र िी गणनाओं िे सघन गणणत पर िी है ।
एि ववशेष बातचीत में गोपाल राजू ने बताया कि अंि शाथत्र में ददनांि िे आधार पर जनमांि और भागयांि ननिाले जाते हैं । ०७. ०१. २०१४ नतधथ िा िुल योग ७ हुआ और वषव, माह तथा नतधथ िा िुल एिल योग ७+१+२+१+४ =१५=१+५=६ हुआ । यहााँ ७ जनमांि और ६ भागयांि बना । ये वह ददन था जब पेररस में शाली एब्दो िे मुख्यालय में आतंिी हमला हुआ । जनमांि अंि ७ यहााँ आतंिी हमले िा िारि बना ।
एि सूचना िे अनुसार वषव २०१४ िे प्रससद्ध आतंिी हमलो में अंि ७ खूनी ससद्ध हुआ ।
१६ ददसम्बर २०१४ (१+६=७) अंि ७, पाकिथतान िे पेशावर में आमी पत्ब्लि थिूल में आतंिी हमला ।
२२ मई २०१४ (२+२+५+२+१+४=१६=१+६=७) अंि ७, अफगाननथतान िे हेरात में भारतीय दूतावास पर हमला ।
१५ ददसम्बर २०१४ (१+५+१+२+२+१+४=१६=१+६=७) अंि ७, ससडनी में चॉिलेट िाफी में आतंिी आतंि िा १७ घंटे चला खेल ।
भारत िे मुंबई, अमृतसर, गोरखपुर, मालेगााँव, गुहाटी, ददकली, वागा बॉडवर, अहमदाबाद आदद शहरों िे साथ-साथ ववदेश िे लंदन, अकजीररआ, रूस, िाबुल, बांगलादेश, थपेन, अमेररिा, बोथटन, गाननथतान, पाकिथतान, इत्जप्ट, श्रीलंिा, ईराक़ आदद िे सैिड़ों उदाहरण से ये तथ्य उजागर किया कि २, ७ अथवा ९ अंिों ने, चाहे वो जनमांि हों या मूलांि, सवावधधि आतंिी हमलों िा गणणत बैठाया है । वपछले आतंिी आंिड़ों से ज्योनतष जगत में सवव प्रथम यह बात गोपाल राजू सामने लाए हैं कि िुछ भेद है अवश्य इन खूनी अंिों में ।
गोपाल राजू ने यह भी ससद्ध किया कि ऐसे हमलों िे समय अधधिांशतः पाया गया कि उस रेखांश और अिांश पर गोचर में भ्रमण िर रहे ग्रह किसी न किसी रूप से अत्गन ततव से सम्बद्ध थे । ऐसा नहीं कि अंि १ अथवा अनय अंि आतंिी धमािों िे िारण नहीं बने। बने हैं, परनतु उनिी आवृत्तत उक्त तीन अंिो िी तुलना में बहुत िम थी या कफर ग्रह-गोचर िुछ अलग ही था । ये अवश्य आंिड़ों से ससद्ध हुआ है कि अंि १ ऐसे में सवावधधि सुरक्षित रहा है ।
गुह्य ववधाओं में इस प्रिार िे ववशेष और अछूते शोध िायों िे लेखन आदद िे सलए अनेिों बार सम्माननत भी किया जा चुिा है ।
अगर गंभीरता से इस ववषय पर सोचा जाये तो बहुत ही संतोषजनि पररणाम आपदाओं िे पूवव आंिलन िो लेिर प्राप्त किये जा सिते हैं ।
परनतु यह ववषय इतना सरल नहीं है क्यूाँकि इसमें बहुत ही श्रमसाध्य अंि-ज्योनतषीय गणनाओं िे सहारे ही किसी तथ्य पर पंहुचा जा सिता है । हााँ यदद िंप्यूटर िी सहायता से इस िायव िो बौवद्धि व्यत्क्तओं द्वारा िरवाया जाये तो गोपाल राजू िा मत है कि िाफी हद ति आतंिी हमलों िा पूवव में अनुमान लगाया जाना संभव हो सिता है और जान-माल िी सुरिा भी िी जा सिती है ।
ज्योनतषीय दृत्थट से २६ जनवरी िो लेिर गोपाल राजू पूरी तरह आश्वथत है कि इस ददन िोई धमािा नहीं होगा । इस ददन िा जनमांि और भागयांि ८ बन रहा है जो कि पूरी तरह सुरक्षित ससद्ध होगा । लेकिन कफर भी सतिवता बरतने िी आवश्यिता ज़रूर है ताकि िेवल ज्योनतषीय शाथत्र िे भरोसे
न रहा जाये ।
श्रीगोपाल नारसन
पो. बॉक्स ८१
रूड़िी - उततराखंड
मोब. ९४१२०७२४१७; ९९९७८०९९५५
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