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मंगल दोष

मानसश्री गोपाल राजू
पूर्व र्ैज्ञाननक
30 ससवर्ल लाइन्स
रुड़की - 247 667(उत्तराखण्ड)
www.bestastrologer4u.blogspot.com
मंगल दोष के सरल-सुगम समाधान
वििाह करके सुखी दाम्पत्य जीिन जीना और योग्य, सुशील, संस्कारिान संतान उत्पन्न करना एक ऐसी इच्छा है जो धमम परायण है, सनातनी है और आिश्यक भी। हर व्यक्तत इसके ललए अपने-अपने धमम, कमम, बुवि और वििेक के अनुसार योग्य जीिन साथी की तलाश करता है। परन्तु दुभामग्यिश हो जाता है इसके विपरीत। और फिर तलाशने लगता है इन सबसे छुटकारा पाने के उपाय। बस यहााँ से ही प्रारम्म होने लगती है व्यिसाययकता।
जातक ग्रथों में िैिाहहक जीिन में सुख की फकसी भी प्रकार से कमी के ललए मंगल दोष को भी एक मुख्य घटक माना गया है। यह फकतना सत्य है अथिा लमथक इसके
ललए अलग-अलग मत हैं। जो कुछ भी है परन्तु यह अिश्य सत्य है फक इस एक अकेले दोष ने वििाह होने, न होने, िैिाहहक जीिन में असन्तोष, संतान सुख, पाररिाररक तलेश आहद के ललए इस मंगल के दोष को जन-मानस में हौिा बना हदया है। बौविकता तो िैसे यह है फक संयम से पहले गणना करिा लें फक पाररिाररक दोषों के पीछे मूल कारण तया हैं। यहद-मंगल दोष का दुष्पररणाम जन्म पत्रिकाओं में स्पष्ट हो रहा है तब आगे की कायमिाही के ललए मनन करें और तदनुसार उपाय तलाशें।
सनातन धमम, जातक ग्रंथों, रुहियों अथिा परम्परागत चले आ रहे उपायों, अरुण संहहता अथामत् लाल फकताब आहद में अनेक ऐसे उपाय उपलब्ध करिाए गए हैं जो सरल-सुगम हैं, घरेलु हैं और सबसे सुन्दर फक व्यिसाययकता से सिमथा अलग-अलग प्रमािशाली लसि हुए हैं। यहद आपको कहीं लग रहा हो फक मंगल दोष के कारण वििाह में फकसी भी प्रकार से संन्तुलन नहीं बन पा रहा है तो यह अपने सामर्थयम और सुविधानुसार अिश्य अपनाकर देखें। तया पता इन सरल से उपायों में कहीं आपकी समस्या का समाधान यछपा हो। इन से लाभ-लमले या न लमले, पर यह अिश्य है फक इन सनातनी कमों से कम से कम अनथम की आंशका तो लेशमाि भी नहीं है।
जो भी उपाय अपनाएं यह आस्था यनरन्तर मन में बनाए रखें फक इन उपयों से कोई अज्ञात शक्तत आपकी सहायता अिश्य कर रही है। एक बार में एक से अधधक उपाय भी कर सकते हैं। परन्तु अच्छा यही है फक एक बार में एक ही उपाय करें। उपाय के ललए समय सूयामदय से सूयामस्त के मध्य का कोई चुनें। जो भी उपाय प्रारम्भ करें िह 8 हदन अथिा 43 हदन तक यनरन्तर करते रहें। इसके बाद ही दूसरा कोई उपाय प्रारम्म करें। यह सब उपाय आपके अपने स्ियं के ललए हैं, इसललए आडम्बर, हदखािे आहद से अलग इनको गुप्त ही रखें।
∙ शाकाहारी भोजन लें। मांस-मछली का सेिन न करें।
∙ साधु-िकीर से गण्ड़ा-ताबीज न लें।
∙ शहद का प्रातः सेिन करें।
∙ लमश्री तथा सौंि अयतधथ को खखलाएाँ।
∙ बहन को उपहार हदया करें।
∙ साली-मौसी के घर-लमठाई हदया करें।
∙ अनुज की संतान को स्नेह दें।
∙ जंग लगा औजार जल में प्रिाहहत करें।
∙ बजंरग बाण का पाठ करें।
∙ हनुमान जी पर चोला तथा लसंदूर चिाएं।
∙ गायिी मंि का उपांशु जप करें।
∙ दुगाम सप्तशती का पाठ करें।
∙ लाल रुमाल पास रखें।
∙ सुन्दर काण्ड का पाठ करें।
∙ चांदी का छल्ला मध्यमा उाँगली में धारण करें।
∙ बन्दर को केला खखलाएं।
∙ तंदूर की मीठी रोटी कुत्ते को दें।
∙ धमम स्थान में लमष्ठान वितरण करें।
∙ जल में 100 ग्राम चीनी प्रिाहहत करें।
∙ कच्ची दीिार बनिा कर धगरा दें।
∙ तांबे का लसतका जल में प्रिाहहत करें।
∙ 101 ढाक के पिे जल में प्रिाहहत करें।
∙ चांदी की डडब्बी में शहद भरकर जल में प्रिाहहत करें।
∙ विधिा क्स्ियों की सहायता करें।
∙ पयत-पत्नी एक दूसरे की उधचत देखभाल करें।
∙ दक्षिण मुखी मकान में न रहें।
∙ यनःसन्तान की सम्पक्त्त न खरीदें।
∙ चांदी के कड़े में तांबे की कील लगाकर धारण करें।
∙ झूठे व्यक्तत की जमानत न दें।
∙ रोग ये परेशान हैं तो जो गौमूि में लमलाकर लाल कपड़े में बांधकर रखें।
∙ अपने भोजन में से गाय, कौिे और कुत्ते का अंश यनकालें।
∙ कभी-कभी पररिार सदस्यों की संख्या से अधधक छोटी-छोटी मीठी रोहटयां बनाकर जानिरों को दें।
∙ लसर की तरि रात्रि में जल रखें और प्रातः यह फकसी िृि में छोड़ दें।
∙ बच्चों को कष्ट हो तो गाय के ललए ग्रास यनकालें।
∙ रोग से परेशान हैं तो पीले कपड़े में गोमूि में जौ लमलाकर बांध लें और रोगी के पास रख लें।
∙ दूध में जौ धोकर जल प्रिाह करें।
∙ बच्चे के कारण धचंता अधधक सताने लगे तो उसके जन्म हदन पर नमकीन बाटें।
∙ रेिडड़यां जल प्रिाह करें।
∙ विध्न विनाशक गणपयत जी की यनयलमत आराधना करें।
∙ श्री सत्य नारायण जी की व्रत कथा करें।
∙ गणेश सहस्िनाम का पाठ करें।
∙ पयत गुरुिार तथा पत्नी शुक्रिार को उपटन लगाकर स्नान करें।
∙ बि के िृि में पयत गुरुिार और पत्नी शुक्रिार को जल दें।
∙ केसर अथिा हल्दी का यतलक करें।
∙ विण्णु भगिान को बेसन से बना नैिेद्य अरपीत करें।
मानसश्री गोपाल राजू
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