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हनुमान जी की गोली

मानसश्री गोपाल राजू
www.gopalrajuarticles.webs.com
महाबली हैं, बजरंगवली। इनकी शक्ति का देव, दानव और असुर सबने लोहा माना है। ग्रह-नक्षत्र भी देव के नाम से कांपते है। शत्रु, भूत, प्रेत, ककन्नर, क्तजन्न, चुडैल आकद तो हनुमान जी का नाम सुनते ही रफूचक्कर हो जाते हैं। ककसी भी कार्य में सफल होना है तो कलर्ुग में हनुमान जी से बड़ा कोई अन्र् देव अथवा देवी का नाम नहीं आता। वरदान भी है हनुमान जी को कक जो कोई देव की श्रद्धा से भक्ति करेगा उसके कार्य सफल होंगे ही होंगे।
अब अगर हनुमान जी गोली की चचाय हो तो उसके प्रभाव की स्वर्ं ही कल्पना कर लीक्तजए। बच पाएगा भला कोई बैरी क्तजसपर हनुमान जी की गोली चलेगी। एक बहुत ही अच्छा उपार् कदर्ा था मैंने इस चमत्कारी गोली को बनाने का। र्ह वस्तुतः एक रक्षा कवच की तरह कार्य करती है। र्कद देव में और उनकी कदव्य शक्ततत्र्ों में आस्था है तो आप स्वर्ं भी र्ह गोली बना सकते हैं।
जो सुक्ति पाठक र्ू ट्यूब में उपक्तस्थत हैं, वह गोपाल राजू के लेखों को
वहां भी एक सुन्दरतम् शैली में सुन सकते हैं।
ट्रक आकद बड़े वाहनों में से बाल बेर्ररग से एक स्ट्रील की गोली जुटा लें। आकार में र्ह कंचे से थोड़ी छोटी हो। हनुमान जी के ककसी क्तसद्ध मक्तन्दर से उनके वस्त्रों में से थोड़ा सा लाल कपड़ा पुजारी से लाकर तीन-चार इंच वगय के लगभग उसमें से काट लें। कोई भी शुभ नक्षत्र देखें। न हो तो ककसी में मंगलवार को चुन लें। इस उपार् के क्तलए स्टील की उस गोली को अच्छे से िोकर साफ कर लें और कच्चे दूि तथा गंगा जल में डुबा कर रख लें। नीचे कदए हुए मंत्र की ग्र्ारह माला श्रद्धा से जप कर लें। सम्भव हो और अक्तिक प्रभाव गोली से लेना हो तो अक्तन्तम अथायत् ग्र्ारहवीं माला में प्रत्र्ेक मंत्र जप के बाद में गार् के दहकते हुए गोबर के कण्डे अथवा उपले (जो भी आप स्थानीर् भाषा में बोलते हों) पर गूगुल की सामग्री से होम करें। पूजा के बाद गोली को वहां रख लें जहां आप कोई िमय ग्रंथ जैसे रामार्ण, सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा, आकद रखते हों। आप इस क्तवक्तचत्र क्तवग्रह को र्ह समझ कर रखें जैसे आपने ककसी का लाइसेंस ले क्तलर्ा है और र्था समर् अक्तिकार स्वरूप आप उसका उपर्ोग कर सकते हैं। भक्तवष्र् में कभी कहीं ककसी आवश्र्क कार्य के क्तलए घर से क्तनकलना हो तो गोली साथ रखें। राह में पड़ने वाले हनुमान जी के ककसी मक्तन्दर में जाएं। गोली को हनुमान जी के चरणों से स्पशय करवाकर मंत्र की एक माला जपकर अपने इष्ट कार्य की क्तसक्तद्ध की देव से दीन-हीन बनकर आग्रह करें और अपने गन्तव्य की और प्रस्थान करें। आपका कार्य र्कद क्तसद्ध न हो तब भी गोली के प्रक्तत अनास्था मन में न आने दें। घर वापस लौटकर गोली को गंगाजल से पक्तवत्र कर लें और र्था स्थान रखने के बाद भी एक माला मंत्र की जप कर लें। प्रभु से पुनः पुनः र्ही क्तनवेदन करें कक हे महाबली अगली बार मेरे इष्ट कार्य अवश्र् ही क्तसद्ध करें।
एक उपार् इसमें मैंने अपने बुक्तद्ध और क्तववेक से और जोड़ा था। असफल होने के बाद आप भी इसको जीवन में अपना कर देख सकते हैं।
गोली को रखते समर् तीन क्तसक्के जो भी उपलब्ि हों गोली के साथ गंगाजल में िोकर रख दें। तदन्तर में ककसी प्रर्ोजन के क्तलए जाते समर् र्ह गोली के साथ मंत्र की एक माला जपकर तीनों क्तसक्के भी साथ रख लें। राह में मंकदर में गोली स्पशय करते समर् एक क्तसक्का देव को अर्पपत कर दें। दूसरा राह में पड़ने वाले ककसी नदी के जल में क्तवसर्पजत कर दें और तीसरा कहीं श्मशान की और फेक दें। र्कद लगता हैं कक श्मशान अथवा पानी का स्रोत कहीं मागय में पड़ेगा ही नहीं तब जल में क्तवसर्पजत करने वाला क्तसक्का भी देव मंकदर में अर्पपत कर दें। कुछ दूर जाकर क्तसक्का क्तबना पीछे मुड़े सर के ऊपर से अपने पीछे की ओर उछाल दें।
जप मंत्र -
''ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवते
हनुमते मम् कार्ेषु
ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
असाध्र्ं सािर्-सािर्
माम् रक्ष सवय दुष्टेभ्र्ो
हुँ फट् स्वाहा''
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