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सोना

मानसश्री गोपाल राजू
30, ससविल लाइन्स
रूड़की - 247 667 (उत्तराखण्ड)
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सोना मूल्यिान होने के साथ-साथ एक पवित्र धातु भी माना जाता है । यह ऐश्ियय और सम्पन्नता का प्रतीक है । सोने के प्रतत ककसी का मोह न हो, ऐसा बहुत ही कम देखने को समलेगा । अलंकरण के साथ-साथ आयुिेद में भी इसके औषधीय गुण भरे हुए हैं ।शुभ मुहुतय में सोने का क्रय करना और घर में रखना साक्षात लक्ष्मी का स्थाई िास माना जाता हैं। शकुनशास्त्र के अनुसार सोना कहीं से पाना अथिा खो जाना दोनों ही अशुभ माने गए हैं। यह मान्यता केिल इस एक धातु के सलए ही चलन में है। ज्योततष शास्त्र में इसका एक ताककयक पक्ष भी समलता है । सोना पीले रंग का होता है। इस धातु पर गुरू ग्रह का आधधपत्य माना जाता है। गुरू ग्रह पररिार का कारक भी है। इसीसलए माना गया कक सोना यदद खो जाये तो पररिार पर कष्ट आने लगते हैं। इन कष्टों में बीमारी ,आपदा ,कलह आदद कोई भी कारण हो सकते हैं। सोना कही से अकस्मात् पाना भी अशुभ माना गया है। इसके पीछे भी भाि यही है कक ककसी पररिार का कष्ट सोना पाने िाले पररिार के ऊपर पढ़ने लगता है।
कहीं से अकस्मात् ककसी को सोना समल जाए तो उसके मन में एक अज्ञात अनथय का सदैि भय बना रहता है । इस भय को दूर करने का सबसे अच्छा तनदान तो यह है
कक िह उसके स्िामी तक ही ककसी तरह पहुुँच जाए। यदद यह सम्भि न हो तो उसमें से कुछ अंश कहीं धमय कायय अथिा सुपात्र को दान कर ददया तो पाए गए सोने की अशुभता समाप्त हो जाती है। यदद पाया हुआ सोना बेच रहे हैं तो उसके बदले समले पैसों में से कुछ अंश धमयकायय अथिा सुपात्र को दान कर दें। यदद सोना खो गया है तब प्रायश्श्चत् स्िरूप एक जटा िाला नाररयल कहीं बहते हुए पानी में प्रिादहत कर दें और प्रायश्श्चत् कर लें। भाि यही रखें कक हमारे कष्ट, बीमारी, आपदा आदद पानी के जल के बहाि के साथ-साथ हमसे दूर हो रहे हैं।
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