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सात दिन

सात दिन
गोऩाऱ राजू  रूड़की (उत्तराखडॊ) 
 
सात ददन में ऩायें जीवन के सात सुख और ऩायें सौभाग्य      एक बहुत ही सरऱ प्रयोग लऱख रहा हूॉ। सौभाग्य की कामना रखने वाऱा प्रत्येक व्यक्तत चाहे वह ऩुरुष हो अथवा स्त्री यह प्रयोग कर सकता है। प्रयोग शुतऱ ऩऺ के प्रथम सोमवार से प्रारम्भ करें। वैसे इस प्रकार के प्रयोगों के लऱए मैं प्राय् ऐसा ददन चुनता हूॉ कक उसकी समाक्तत ठीक दीवाऱी अथवा होऱी के ददन हो क्जससे कक अक्ततम किया इन ददनों की ऩूजा के साथ ही सम्ऩतन हो जाए। तॊर में इन ददनों का ववशषे महत्व है।      यह मैं ऩाठकों की अऩनी सुववधा ऩर छोड़ता हूॉ। कक वह ककस समय  से प्रारम्भ करें। सोमवार से ऱेकर रवववार तक यह प्रयोग कुऱ सात ददन का होता है। प्रत्येक ददन रात्रर को सोने से ऩूवव कुछ लसतके लसरहाने रखकर सोएॊ और प्रात् वह ककसी दररद्र को अथवा सुऩार को दान कर दें। इस दान का ववधान इस प्रकार है।  यदद आऩ धन सम्ऩदा आदद ऩऺ को ऱेकर यह प्रयोग कर रहे हैं तो 
रात्रर को ऩैसे रखकर प्रात् यह दान कर दें।      स्त्वास्त््य के लऱए यदद वह प्रयोग ककया जा रहा है तो यह ऩसैे ककसी ऐसे स्त्थान अथवा व्यक्तत को दान करें जो उनका उऩयोग नन्स्त्वाथव ककसी की चचककत्सा के लऱए कर रहा हो।      दाम्ऩत्य सुख के लऱए करने वाऱे प्रयोग में इन ऩैसों से उस ऩूरे सतताह में ककसी सुहाचगन स्त्री को ककसी ददन भोजन करवा दें।      बच्चे की लशऺा सम्बतधी चचतता के लऱए यह ऩैसा ककसी असहाय ववद्याथी की सहायता में ऱगा दें।      वववाह न होने सम्बतधी अड़चन के लऱए इन ऩैसों से प्रात् गुड़ खरीद कर सातों ददन रोटी ऩर रखकर गाय को स्त्वयॊ खखऱा दें।     नऩुॊसकता दूर करने के लऱए यह ऩैसे एक साथ जमा करके ककसी भी ददन दहजड़े को दान करके उसी दुआएॊ ऱें।      कोढ़ी को ककया गया दान तयाय सम्बतधी कायों में शुभ लसद्ध होता है। अकारण जेऱ गए ककसी व्यक्तत के लऱए यह प्रयोग यदद उसके ननकट खून के सम्बतधी द्वारा करवा ददया जाए तो उसके लऱए सौभाग्यशाऱी लसद्ध होता है।       इन ऩैसों से एक कम्बऱ खरीद कर रख ऱें। सदी में ककसी अमावस्त्या की दठठुरती हुई रात्रर में यह चुऩचाऩ से ककसी सोते हुए असहाय ननरीह व्यक्तत के ऊऩर डाऱ दें।      ननत्य प्रात् इन ऩैसों से गुड़ चना खरीद कर बतदरों को खखऱा दें, चावऱ खरीद कर चचड़ड़यों को डाऱ दें अथवा बूरा-चीनी तथा 
आटा खरीद कर चीॊदटयों के लऱए डाऱ ददया करें। इन सबसे सौभाग्य में वृद्चध होती है।     अऩने प्रयोग के लऱए सोमवार को नाग और नाचगन का एक जोड़ा चाॊदी देकर ककसी सुनार से बनवा कर घर ऱे आएॊ। अगऱे ददन अथावत् मॊगऱवार को नौ छेद वाऱे ताॊबे के लसतके जमा कर ऱें। यदद यह सुऱभ न हों तो स्त्वयॊ ही ताबॊे की ऩतऱी शीट से यह काटकर बनवा ऱें। बुधवार को ऩाॊच ऩीऱी कौड़ी जमा कर ऱें। गुरुवार को तीन ऩीतऱ के लसतके जमा कर ऱें। यदद यह उऩऱब्ध न हों तो ताॊबे की तरह यह भी ऩीतऱ की शीट में से लसतके के आकार के बनवा ऱें। शुिवार को चाॊदी की छोटी-छोटी तीन जोड़ी अथावत् छह ऩादुकाएॊ सुनार से बनवा ऱें। शननवार के ददन ऱोहे के 8 छोटे-छोटे त्ररशूऱ बनवा कर जमा कर ऱें।      अक्ततम ददन अथावत् रवववार को एक स्त्वच्छ शीशी में एक चम्मच शहद ऱेकर बाकी में गॊगाजऱ भर ऱें। अब ऊऩर जमा की हुई सब वस्त्तुएॊ भी एक-एक करके शीशी में छोड़ दें और शीशी का ढतकन अच्छी तरह से बतद कर दें। सारा सामान इस आकार का रखें कक वह शीशी में सरऱता से समा जाए। यदद आऩ सामान बड़ा ऱे रहे हैं तो उसी के अनुसार आऩको शीशी भी बड़ी ऱेनी ऩड़गेी। यह सब आऩकी सुववधा ऩर ही छोड़ता हूॉ कक वस्त्तुएॉ ककस आकार की जमा करें क्जससे कक वह शीशी में अच्छी तरह समा जाएॉ।     इस शीशी की श्रद्धाभाव से जसैे भी आऩ ऩूजा-अचनवा कर 
सकते हैं, कर ऱें और इसे उठाकर घर, दुकान अथवा अतय कहीॊ ककसी ऩववर स्त्थान में रख ऱें। यह ऐसे ही रखी रहनी है। इसके बाद इसका कुछ भी नहीॊ करना है।      यदद आऩ नया घर बनवा रहे हैं तो यह मुख्य द्वार के दायीॊ ओर जमीन में भी दबा सकते हैं। यदद मकान आऩने बना बनाया खरीदा है तो यह मुख्य द्वार के बायीॊ ओर दबा दें। इस सरऱ प्रयोग के बाद से सौभाग्य का आगमन प्रारम्भ हो जायेगा, अनेक बार ऱोगों के अनुभव में यह देखा जा चुका है। 

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